छवि गढ़ना मनुष्य की पहचान है।पर जब हम इस दिशा में जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाते है,तब समस्या होने लगती है।अपने बारे में विचार करने पर हम पाएंगे कि हमने दूसरों से वैसा ही संबंध बना रखा है,जैसा उनसे जुड़ी छवि हमारे भीतर है। यानि हम अक्सर अपने हिसाब से दूसरों की छवि बना लेते है।यहां तक कि हम अपने बारे में एक छवि गढ़ते है और उसी के अनुसार चलने की कोशिश करते है। वाल्ट डिजनी ने एक बार कहा,”छवि गढ़ना अगर रचनात्मक लोगों की पहचान है,तो विध्वंसक लोगों की भी, पर इन दोनों किस्म के लोगों से दुनिया नही चलती।दुनिया चलती है सरल लोगों से,जो छवि गढ़ने में कमजोर होते है। वे तो आपको वैसे ही स्वीकार करते है जैसा आप उनके सामने है।”

हम जीवन में कई बार खुद को गलत पाते है। हमें एकाएक पता चलता है कि अरे,जैसा हम सोच रहे थे,वैसा तो नही है।कोई एकाएक भला लगने लगता है,जबकि हम उसे दंभी समझ रहे थे।कल तक जिसको हम शत्रु मानते थे, वह सहायक बनकर सामने आ जाता है।साफ है, छवि गढ़ना आपको वस्तु स्थिति से दूर ले जाता है। सवाल है कि आखिर हम छवि गढ़ते ही क्यों है? जे. एस. कृष्णमूर्ति कहते है “छवियों से आशय है,कोई प्रतीक, कोई अवधारणा,कोई निष्कर्ष,कोई आदर्श।जो नहीं है,पर वैसा पसंद किया जाय।यह मन द्वारा समय प्रक्षेपित एक छवि है और वह भविष्य में है।”वास्तविकता वही है,जो अभी आपके मन में असल चल रहा है।जब आप तस्वीरों ,छवियों के साथ जीते है,तब आप भ्रांतियों के साथ जीते है,यथार्थ के साथ नही।
✍️मनोज कुमार सिंह
बहुत बढ़िया लगा।
बहुत ही शानदार, सर
मनोज जी इश्वर आपके प्रगती पथ पर सदैव आपके साथ है। आप ऐसे ही समाज का कल्याण करें।
आपसे प्रेरणा मिलती है।
Thank you , बस आपलोग का प्यार और स्नेह मिलता रहे।
बहुत ही गंभीर चिंतन छवि निर्माण पर।यह लेख सोचने के लिए विवश करता है।
बहुत बहुत आभार आपका पवन सिंह ?
Actually I have no words to say you because you are a good citizen in our areas and there are so many people but no one is like you
You are doing a very noble work for the society. Society needs people like you. God bless you and keep you ahead.
बहुत सुंदर। यह पढ़ने पर कई प्रकार की भ्रांतियां दूर हो जाती हैं,यहां तक की मेरी उम्र के लोगों से भी।कई बार हमारे द्वारा दूसरों के लिए गढ़ी गई छवियां हमारी अपनी हीं छवि का प्रतिबिंब मात्र होती हैं या फिर दुराग्रहों से इतनी ग्रसित होती हैं कि अपना वास्तविक रूप ही को देती हैं।
बहुत सुंदर। आशीर्वाद।
चरण स्पर्श सर। बस आपलोग का आशीर्वाद प्राप्त होता रहें ?
Nice one
जितनी तारीफ की जाए कम है सर भगवान का आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहे
मनोज भैया आज आपने सबका दिल जीत लिया।आपने मानवता की वह मिशाल कायम की जो बिरले लोग ही करते है।इस नेक कार्य के लिए आपको साधुवाद भैया ?