मनोज कुमार सिंह ने Rs 11,000/- का आर्थिक सहायता किया बेटी की शादी में।

मनोज कुमार सिंह ने नौतन प्रखंड के गांव खाप बनकट विश्रामपुर के श्री फागू राम काका के बिटिया रानी की शादी में
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मनोज कुमार सिंह ने Rs 11,000/- का आर्थिक सहायता किया बेटी की शादी में।

मनोज कुमार सिंह ने नौतन प्रखंड के गांव खाप बनकट विश्रामपुर के श्री फागू राम काका के बिटिया रानी की शादी में आज Sampurna Seva Foundation के तरफ से Rs 11,000/- का आर्थिक सहायता किया गया।

संवेदना और मानव मूल्यों का विकास, हर समाज के सामाजिक ताने – बाने पर निर्भर करता है जिसमें सामाजिक संघर्ष और सामाजिक जीवन जीने के संसाधनों,अवसरों का योगदान होता है।
बहुजातीय,बहुधर्मीय और सांस्कृतिक विभिन्नता वाले समाज में धार्मिक गोलबंदिया,मनुष्यता,मानवता,भाईचारा,संवेदना की तलाश है और ये तत्त्व जिनमें दिखते है वो समाज के लिए वंदनीय है और इस समय अपने क्षेत्र में इसकी अहम भूमिका” सम्पूर्ण सेवा फाउडेशन” के सनसनी व्यक्ति मनोज कुमार सिंह द्वारा निभाया जा रहा है।

मुझे लगता है कि सामाजिक ताना बाना बुनने के चक्कर में लोग अक्सर अपने वर्तमान कद को भी गिरा लेते हैं और फिर अपने क्षेत्र को भी बदनामी की ओर ले जाते हैं लेकिन कुछ चंद सरीखे लोग ही इस मर्म को समझ के असल जरूरतमंदों की मदद करते हैं और ना सिर्फ अपना कद बढ़ाते है बल्कि अपने क्षेत्र और समाज को भी गौरवान्वित करते है।

सेवा ही धर्म है।

~ मनोज कुमार सिंह, ताली, नौतन प्रखंड, सिवान।

Apart from professional life, Manoj Kumar Singh also a Social Volunteer has created a free community-based, volunteer-led, and cost-effective education,health care and farmers welfare to cater to those from the most economically backward groups of society. In doing this, he has paved the opportunity for a meaningful and productive new life for those individuals considered incurable or a burden to society. He is also co-founder of Sampurna Seva Foundation.

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  1. छायावाद के महान स्तंभ में से एक जयशंकर प्रसाद जी कहते हैं कि “औरों को हँसते देखों मनु,
    हँसों और सुख पाओ।
    अपने सुख को विस्तृत कर लो सबको सुखी बनाओ।?औरों की सहायता करना परम आनंद की पराकाष्ठा को पाने सहायक होगी आपके लिए।

  2. छायावाद के महान स्तंभ में से एक जयशंकर प्रसाद जी कहते हैं कि “औरों को हँसते देखों मनु,
    हँसों और सुख पाओ।
    अपने सुख को विस्तृत कर लो सबको सुखी बनाओ।?औरों की सहायता करना परम आनंद की पराकाष्ठा को पाने सहायक होगी आपके लिए।

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